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जम्मू कश्मीर निकाय चुनाव
– फोटो : अमर उजाला
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जम्मू में वार्डों का आरक्षण ड्राफ्ट जारी होने के बाद चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय पार्षद दूसरे वार्डों से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। बुधवार को कुछ पार्षद रिश्तेदारों को चुनावी रणक्षेत्र में उतारने पर विचार-विमर्श करते रहे।
भाजपा नेता एवं डिप्टी मेयर बलदेव सिंह बलोरिया, स्वच्छ भारत कमेटी के चेयरमैन गोपाल गुप्ता, पूर्व स्वच्छ भारत कमेटी के चेयरमैन सूरज पाधा, सोशल जस्टिस कमेटी के अध्यक्ष अजय गुप्ता, वार्ड-12 के पार्षद जीत राम और विपक्षी नेता द्वारका चौधरी के वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हो गए हैं। ऐसे में ये लोग किसी दूसरे वार्ड से चुनाव लड़ने के मूड में हैं। वार्ड-23 के पार्षद पवन सिंह ने कहा कि वार्ड आरक्षित हुआ है।
सरकार का फैसला सराहनीय है। पार्टी हाईकमान जो निर्देश देगी, उसी हिसाब से काम होगा। अभी चुनाव लड़ने को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता। वार्ड-55 के पार्षद प्रीतम सिंह ने कहा कि इस बार भी लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरा गया है। अब फिर से मौका दूसरे वार्ड में मिलेगा तो चुनाव लड़ा जाएगा। प्रो. युद्धवीर सिंह ने कहा कि वार्ड आरक्षित है। फिलहाल कुछ सोचा नहीं है। लोगों की सहमति से फैसला लिया जाएगा और दूसरे वार्ड से चुनाव लड़ा जाएगा।
यहां गूंजे विरोध के स्वर
आरक्षण ड्राफ्ट में अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के लिए वार्ड-63 को आरक्षित करने पर विरोध के स्वर उठने शुरू हो गए हैं। पार्षद कुलदीप सिंह चिब का कहना है कि इस वार्ड में एसटी की आबादी सिर्फ 300 है, जबकि कुल वोटर 3700 हैं। ऐसे में कैसा आरक्षण दिया गया है। इस पर आपत्ति दर्ज करवाई जाएगी। इसी तरह वार्ड-19, 67 और अन्य वार्डों में भी सूची पर सवाल उठाए गए हैं।
वार्ड-33 और नौ 2005 से ओपन
वार्ड-33 और नौ 2005 से ओपन ही चल रहे हैं। इस पर भी पार्षदों ने सवाल उठाए हैं। यह भी आरोप लगाया गया कि सर्वे ही सही तरीके से नहीं हुआ है। वार्ड-19 के पार्षद अमित गुप्ता ने कहा कि उनका वार्ड आरक्षित किया गया है। 2018 में ओपन था, लेकिन इस बार एससी के लिए आरक्षित किया गया है। सर्वे में कोताही हुई है।
वार्ड-5 महिलाओं के लिए आरक्षित है। पार्टी हाईकमान दूसरे वार्ड से चुनाव लड़ने का आदेश देगी तो मैदान में उतरा जाएगा। – गोपाल गुप्ता, चेयरमैन, स्वच्छ भारत मिशन कमेटी
वार्ड-55 से चुनाव लड़ा जा सकता है। उनका वार्ड आरक्षित हो चुका है। हाईकमान से बात करेंगे, चुनाव खुद या रिश्तेदार से लड़ाएंगे। – सूरज पाधा, पूर्व चेयरमैन स्वच्छ भारत कमेटी
वार्ड-53 से इस बार चुनाव लड़ेंगे। वार्ड-52 आरक्षित हो गया है। लोगों के लिए काम किया है, जीत जरूर मिलेगी। – अजय गुप्ता, पूर्व चेयरमैन, सोशल जस्टिस कमेटी
जिस वार्ड से चुनाव लड़ने का आदेश मिलेगा। चुनाव लड़ा जाएगा। इस बार वार्ड नंबर 56 महिला के लिए आरक्षित है। – बलदेव सिंह बलोरिया, डिप्टी मेयर
वार्ड-16 आरक्षित हुआ है, अभी चुनाव लड़ेंगे या नहीं कुछ नहीं कहा जा सकता। इस पर फैसला पार्टी हाईकमान को लेना है। – राजेंद्र शर्मा, मेयर
क्या कहते हैं पहले चुनाव लड़ चुके प्रत्याशी
इस बार चुनाव लड़ने के बारे में सोचा जाएगा। वार्ड के लोग ही अंतिम फैसला लेते हैं। आदेश होगा तो चुनाव में उतरा जाएगा। आरक्षण सर्वे त्रुटिपूर्ण है। कुछ वार्ड ओपन ही रह गए हैं। -मनमोहन सिंह, पूर्व मेयर
इस बार वार्ड आरक्षित हैं। 2018 में वार्ड नंबर 12 रिजर्व था तो चुनाव लड़ा गया। दूसरे वार्ड से चुनाव लड़ने के बारे में अभी तक सोचा नहीं है। – राजकुमार, पूर्व प्रत्याशी, वार्ड-12
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