Government Issues Warning For Android Users Credentials Details Leaked Due To Malware Attack

Government Issues Warning For Android Users Credentials Details Leaked Due To Malware Attack

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Warning for Android Users : केंद्र सरकार ने देशभर के एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स के लिए चेतावनी जारी की है, जिसमें सरकार ने एडवांस मैलवेयर अटैक से सतर्क रहने की सलाह यूजर्स को दी है. आपको बता दें अगर आपके डिवाइस इस एडवांस मैलवेयर अटैक की चपेट में आते हैं, तो आपकी क्रेडेंशियल्स जानकारी के साथ दूसरी गोपनीय जानकारी लीक हो सकती है.

सरकार ने अपनी एडवाइजरी में बताया है कि साइबर अपराधी एडवांस मैलवेयर को सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म और ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे वॉट्सऐप, चैटजीपीटी, ओपेरा मिनी, यूट्यूब, नेटफ्लिक्स और इंस्टाग्राम के जरिए आपके डिवाइस में इंस्टॉल कर सकते हैं. ऐसे में इस एडवांस मैलवेयर अटैक से बचने  की जानकारी हम आपके लिए लेकर आए हैं, जो आपके बहुत काम आने वाली है.

एडवांस मैलवेयर से कैसे होगा नुकसान ?

भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के एक विभाग रक्षा लेखा महानियंत्रक ने DogRAT नाम के रिमोट एक्सेस ट्रोजन पर एडवाइजरी जारी की है, जो कि साइबर सुरक्षा स्टार्टअप CloudSEK का प्लेटफॉर्म है, इस एडवाइजरी में बताया गया है कि एक बार अगर एडवांस मैलवेयर आपके डिवाइस में जगह बना लेगा, तो ये आपकी बैंकिंग क्रेडेंशियल्स, फोटो और कीस्ट्रोक्स भी कैप्चर कर सकता है. साथ ही ये मैलवेयर यूजर्स को ट्रैक कर सकता है और ऑडियो रिकॉर्ड कर सकता है.

कैसे बचें एडवांस मैलवेयर अटैक से?

सरकार की एडवाइजरी के अनुसार साइबर अपराधियों ने हाल ही में चैटजीपीटी, इंस्टाग्राम, ओपेरा मिनी और यूट्यूब जैसे लोकप्रिय ऐप्स के नकली वर्जन तैयार किए हैं. ऐसे में अगर आप इन ऐप्स को इंस्टॉल कर रहे है तो इन्हें थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म से इंस्टॉल न करें. साथ ही रक्षा मंत्रालय ने अपने विभाग के अधिकारियों को सलाह दी है कि वे सभी अपने डिवाइस को अपडेट करें और डिवाइस में एंटीवायरस ऐप इंस्टॉल करें.

भारत है दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट यूज करने वाला बाजार

देश में बीते कुछ सालों में तेजी से डिजिटलीकरण हुआ है. ऐसे में साइबर अपराध के मामलों में भी तेजी देखने को मिली है. आईटी मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2018 की तुलना में 2022 में साइबर अटैक के मामलों में 171 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जहां 2018 में साइबर अटैक के 70,798 मामले आए थे. वहीं 2022 में ये मामले बढ़कर 1,92,439 हो गए.

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