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मृतक हरपाल सिंह
– फोटो : अमर उजाला
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फतेहाबाद के गांव नाढोड़ी में हरपाल सिंह बिश्नोई के पार्थिव शरीर को छह दिन बाद गांव लाया गया। हरपाल सिंह का शव नाढोड़ी में पहुंचते ही पूरे गांव में चीखपुकार मच गई। 15 वर्षीय आदित्य मां से लिपट गया। मां की गोद में बैठा आदित्य बोला पापा मुझे छोड़कर कहां चले गए। बेटे के इतना कहते ही लोगों की आंखें नम हो गई। हर कोई आदित्य को निहार कर रो पड़ा। पूरे गांव में किसी के घर चूल्हा नहीं जला।
हरपाल बिश्नोई का छह दिन बाद शव पीजीआई से नाढोड़ी में पहुंचा
हरपाल सिंह की पत्नी सुमन व 15 वर्षीय बेटे आदित्य को परिवार के लोग शव से दूर रखना चाह रहे थे। मगर, सुमन अपने पति और बेटा अपने पिता के अंतिम दर्शन के लिए बिलख पड़े। परिजन उन्हें हरपाल सिंह के शव के पास चेहरा दिखाने लगे तो सुमन बेहोश होकर गिर पड़ी। आदित्य पिता की अर्थी को पकड़कर रोने लगा। मंगलवार शाम को पूरे नाढोड़ी गांव में किसी के घर भी चूल्हा नहीं जला। हरपाल बिश्नोई के बुजुर्ग पिता आत्माराम पर गम का पहाड़ ही टूट पड़ा। उनकी आंखों से आंसू जैसे सूख गए थे। मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें संभाला और अर्थी को मिट्टी लगाने के लिए खेत में ले गए।
मेरा पति निर्दोष, पुलिस वालों ने मारा
मृतक हरपाल बिश्नोई की पत्नी सुमन ने रोते हुए कहा कि मेरा पति निर्दोष था। पुलिस वालों ने उसे पैसों के लालच में मौत के घाट उतार दिया। अफीम किसी और से पकड़ी गई थी और आरोप मेरे पति पर लगा दिया। सुमन रोती हुई बोली अगर पुलिस अपनी जगह सही थी तो थर्ड डिग्री टॉर्चर के बाद इलाज के लिए हमें मौके पर क्यों नहीं बुलाया गया।
एंटी नारकोटिक्स सेल के पवन कुमार व उसकी टीम ने उसके पति से लाखों रुपये मांगे, उनकी डिमांड पूरी नहीं कर पाए, तो मौत दे दी। सुमन ने कहा कि इंस्पेक्टर पवन की संपत्ति की जांच की जाए तो पूरी तस्वीर लोगों के सामने आ जाएगी। सुमन ने मुख्यमंत्री व डीजीपी से गुहार लगाई कि उसके पति हरपाल की हत्या में आरोपी सभी पुलिसकर्मियों को 72 घंटे के अंदर-अंदर गिरफ्तार किया जाए और सस्पेंड किए जाए। पद पर रहते हुए ये लोग जांच को प्रभावित कर सकते हैं। वहीं, सिरसा, हिसार व फतेहाबाद जिले के 50 से ज्यादा गांवों के सैकड़ों लोग अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
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