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मृतकों के परिजनों को सरकारी सहायता दी गई
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बिहार के दरभंगा के गढ़पुरा में नाव पलटने से बड़ा हादसा हो गया। जिसमें दो महिलाओं सहित तीन बच्चों की मौत से गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया है। हादसे के बाद जान गवाने वाले परिजनों के घर रो रो कर बुरा हाल हुआ है। जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को सरकारी सहायता प्रदान की हैं।
दरभंगा के कुशेश्वर के गढ़पुरा में हुए नाव हादसे से दो महिलाओं सहित तीन बच्चों की मौत से गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया है। हर तरफ लोगों सन्नाटे ने नेताओ द्वारा की गई दुर्दशा पर सोचने को विवश कर दिया है। आजादी के 70 वर्षो बाद देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, लेकिन इस इलाके लोगों को आज तक नाव का सहारा है। इस इलाके के लोगों के घर बाइक न हो तो चलेगा लेकिन प्रत्येक घर मे एक नौका होना जरूरी है। क्योंकि यह इलाका कोसी कमला और करेह नदी से घिरा होने कारण वर्ष के छह महीने जलजमाव से घिरा ही रहता है। बीते दिन हुए नौका दुर्घटना एक बार फिर इस इलाके के लोगों को झकझोर कर रख दिया है। क्योंकि गांव मे एक साथ पांच लोगों की मौत हुई है। ग्रामीणों और प्रशासनिक सहयोग सभी पांच शव को पोस्टमार्टम के लिए डीएमसीएच भेज दिया। जबकि जिला प्रशासन की तरफ से देर रात बिरौल के अनुमंडल पदाधिकारी उमेश कुमार भर्ती ने मृतक के परिजनों मिलने वाला सहायता को चेक सौप दिया।
आइए बताते घटना की आंखों देखी कहानी दीपक की जुबानी
इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी और नाव पर सवार गढ़पुरा के ही खट्टर यादव के पुत्र दीपक यादव ने कहा कि घटना के बाद शवों को पानी में उपलाते देख हिम्मत हार गयी थी। लेकिन हम हिम्मत नहीं हारे नाव डूबने के अपने हाथों से पांचों शव को पानी के बीच से खींचकर किनारे तक लाया। दीपक ने बताया कि हम झझड़ा बाजार से सामान लेकर नाव पर सवार हो गए। नाव मात्र 10-12 हाथ लम्बी थी। जब तक नाव खुलती तब तक नौ लोग सवार हो चुके थे। इस बीच तेज आंधी आ गई जिससे नदी के पानी में तेज उफान आ गया, जिससे नाव डगमगाते हुए डूब गई। उसने बताया कि जब आंधी आई तो हम लोगों के होश उड़ गए थे। अचानक काल को सामने देख कई बार हिम्मत हार गयी, लेकिन सामने लाशों को उपलाते देखकर रहा नहीं गया। दीपक ने कहा कि घटना के बाद मैंने अपने हाथों से पांचों लाशों को बीच से खींचकर किनारे तक लाया। ।
उधर, घटना की सूचना मिलते ही अनुमंडल व प्रखंड प्रशासन की टीम मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गई। महिसौत निवासी रामशंकर यादव ने बताया कि हवा की झोंका इतना तेज था कि नाव पलट गई। कुछ ही समय बाद घटनास्थल पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सभी ग्रामीणों ने मिलकर बचाव कार्य में जुट गए। घटनास्थल पर पहुंचे एसडीओ उमेश कुमार भारती और एसडीपीओ मनीष चंद्र चौधरी ने पूरी घटना की जानकारी लेते हुए शवों को पोस्टमार्टम के लिए डीएमसीएच भेज दिया है। वहीं, मृतकों के परिजनों को सरकार की ओर से मिलने वाली सहायता राशि का लाभ कुशेवरस्थान के सतीघाट स्थित प्रखंड मुख्यालय पर दिया गया।
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