[ad_1]
सीनियर बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विस्तार
पूर्व मंत्री और रायपुर दक्षिण के सीनियर बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा बयान दिया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हां हम धर्म की राजनीति करते हैं, लेकिन धर्म का अर्थ है सत्य, धर्म का अर्थ है जिसे अपनाया जाए, धर्म का अर्थ है जिसे अपनाकर सुख,शांति और समृद्धि आए, धर्म का अर्थ सिर्फ हिन्दू धर्म नहीं होता है। धर्म का अर्थ है जिसे आप अपना सकते हैं। कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं को धर्म का अर्थ मालूम नहीं है।
उन्होंने कांग्रेस के भाजपा के खिलाफ जारी काले चिट्ठे पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि काले चिट्ठे के 82 और 83 बिन्दु से कांग्रेस का हिन्दू विरोधी चेहरा सामने आ गया है। काले चिट्ठे में राम मंदिर के खिलाफ कही गयी बातें और छत्तीसगढ़ में कौशल्या माता और रामवन गमन पथ की बातें भूपेश बघेल के कालनेमि रुपी चरित्र को दर्शाती हैं। बीजेपी कार्यालय एकात्म परिसर में आयोजित पत्रकार-वार्ता में कहा कि सीएम भूपेश बघेल के डीएनए में जिनका खून है, उसे छत्तीसगढ़ की जनता बखूबी जानती-पहचानती है कि उनके पिता ने माता सीता और भगवान प्रभु राम के लिए किन अपशब्दों का प्रयोग किया है । अब ऐसे भूपेश बघेल जी कालनेमि के रुप में हमारे सामने आए हैं, जैसे कालनेमि ने राम-राम बोलकर हनुमान जी को भरमाने की कोशिश की थी, वैसे ही भूपेश बघेल, मां कौशल्या की धरती जहां के प्रभु राम भांजे हैं, वहां के लोगों को भरमाने के लिए कालनेमि राक्षस का रुप धारण कर भरमाने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ जारी काले चिट्ठे के 82 और 83 बिन्दु में कहा गया कि क्या राममंदिर बन जाने से युवाओं को नौकरी मिल जाएगी और बेटियों सुरक्षित हो जाएंगी । इससे ये बात साबित होती है कि छत्तीसगढ़ और केन्द्र की कांग्रेस पार्टी के इशारे पर जो प्रभु राम के वनगमन पथ की बात करते हैं, इनका लगाव ना माता कौशल्या की जन्मभूमि के प्रति है और ना ही प्रभु राम के प्रति है। एक वर्ग के वोट को हासिल करने के लिए ये राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस का ऐसे सवाल पूछना देश के बहुसंख्यक समाज, देश के जन-जन में बसे राम, गांव-गांव की आत्मा में बसे राम, जिनके आदर्शों पर चलने की प्रेरणा हम युवा पीढ़ी को देते हैं, उससे भूपेश बघेल का ताड़का रुपी दानवी चेहरा सामने आ गया है।
‘कांग्रेस का इतिहास ही राम के प्रति घृणा से भरा है’
उन्होने कहा कि कांग्रेस का इतिहास ही राम के प्रति घृणा से भरा हुआ है, ये वही कांग्रेस है जिसने वर्ष 2007 में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर राम, सीता, हनुमान और वाल्मीकि को काल्पनिक पात्र बताते हुए कहा था कि रामसेतु का कोई धार्मिक महत्व नहीं माना जा सकता है। कांग्रेस की नेता ने संसद पर प्रदर्शन करने जा रहे नागा साधुओं पर जनरल डायर की तरह गोलियां चलवाकर भून दिया था। सुप्रीम कोर्ट में राममंदिर के मुद्दे की सुनवाई के लिए 2019 तक टालने का काम कांग्रेस के नेता जो वकील हैं उसने किया था। कांग्रेस के नेता सुशील शिंदे ने मुस्लिम आतंकवाद से ध्यान हटाने के लिए हिन्दू आतंकवाद शब्द इजाद किया था। दिग्विजय सिंह ने मुम्बई हमले के लिए हिन्दू संगठनों को जिम्मेदार ठहराया था। आजादी के समय से चले आ रहे बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दू शब्द पर कांग्रेस ने आपत्ति की थी । सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का कांग्रेस ने विरोध किया था। हज पर सब्सिडी और अमरनाथ यात्रियों पर टैक्स कांग्रेस ने लगाया था। भारत माता के दो टुकड़े कांग्रेस ने किये थे, सिक्खों का कत्लेआम कांग्रेस ने कराया, कश्मीरी पंडितों को घर से निकलवाया, सेना के पराक्रम के सबूत मांगें। सेना को मासूमों का कातिल बताया। नेहरु जी ने फैजाबाद के डीएम को आदेश देकर विवादित स्थल से रामलला की मूर्तियों को हटवाया। अग्रवाल ने चुनौती दी कि अगर भूपेश बघेल औऱ कांग्रेसियों में दम है तो खुलकर क्यों सामने नहीं आते हैं, हिन्दू विरोधी बातें पर्दे के पीछे रहकर क्यों करते हैं।
‘राममंदिर का विरोध करती है कांग्रेस’
जब सामने भाषण देते हैं तो प्रभु राम को अपना भांजा बताते हैं और माता कौशल्या को अपनी महतारी बताते हैं, लेकिन जब काला चिट्ठा जारी करते हैं तो राममंदिर का विरोध करते हैं। अगर भूपेश बघेल राम विरोधी नहीं हैं तो छत्तीसगढ़ में धर्मान्तरण का जो खेल चल रहा है, उसे रोकने के लिए अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। अगर ये राम और हिन्दू विरोधी नहीं हैं तो वीआईपी रोड का नाम प्रभुराम के नाम पर या राममंदिर मार्ग ना रख कर राजीव गांधी मार्ग रखना क्यों तय किया गया।
बृजमोहन ने कांग्रेस से पूछे तीन सवाल
1.अयोध्या में भगवान प्रभु राम का मंदिर बनना चाहिए या नहीं । अयोध्या में भव्य धाम बनने से तीर्थयात्रियों के आने से लाखों लोगों को जो रोजगार मिल रहा है ,वो मिलना चाहिए या नहीं
2. काशी विश्वनाथ के भव्य स्वरुप के बनने से तीर्थयात्रियों की संख्या में 10 गुना वृद्धि हुई है और उससे वहां के लोगों को जो रोजगार मिला है वो मिलना चाहिए या नहीं।
3.महाकाल के विकास के बाद जो रोजगार के अवसरों में कई गुना वृद्धि हुई है, वो होना चाहिए या नहीं।
[ad_2]
Source link