Krishna Janmashtami Live:देशभर में जन्माष्टमी की धूम, राशि अनुसार भोग लगाकर कान्हा को करें प्रसन्न – Happy Janmashtami 2023: Shri Krishna Janmashtami Wishes, Shubh Muhurat, Vrat Katha, Puja Vidhi, Mantra Aarti

Krishna Janmashtami Live:देशभर में जन्माष्टमी की धूम, राशि अनुसार भोग लगाकर कान्हा को करें प्रसन्न – Happy Janmashtami 2023: Shri Krishna Janmashtami Wishes, Shubh Muhurat, Vrat Katha, Puja Vidhi, Mantra Aarti

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11:44 AM, 07-Sep-2023

Krishna Janmashtami 2023: आज जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त

जन्माष्टमी का त्योहार दो दिन मनाया जाता है। पहले दिन गृहस्थ जबकि दूसरे दिन वैष्णव संप्रदाय के लोग कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाते हैं। कृष्ण जन्मोत्सव पर मथुरा, वृंदावन समेत कई कृष्ण मंदिरों में धूमधाम और उत्साह के साथ जन्मोत्सव मनाया जाता है। आज की बात करें तो रात 12 बजकर 02 मिनट से लेकर 12 बजकर 48 मिनट तक का अच्छा मुहूर्त बन रहा है। 

11:22 AM, 07-Sep-2023

घर पर जरूर लगानी चाहिए श्रीकृष्ण की तस्वीरें

संपूर्ण जीवन के प्रतीक श्री कृष्ण की उपासना से सुख, शांति, आरोग्य एवं लाभ की प्राप्ति होती है एवं इनका वास्तुदोष निवारण में भी बड़ा महत्व है। घर, कार्यस्थल में श्री कृष्णजी की तस्वीर को लगाने पर भगवान प्रसन्न होकर वहां की नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर अपने भक्तों की परेशानियों को दूर कर देते हैं। 

 

10:46 AM, 07-Sep-2023

Krishna Janmashtami 2023: कृष्ण जन्माष्टमी पर राशि अनुसार भोग लगाकर करें प्रसन्न


श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं
– फोटो : amar ujala

  • मेष राशि-  मेष राशि के जातकों के लिए कृष्ण जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल पर घी का भोग लगाएं।
  • वृषभ राशि- वृषभ राशि के लोग जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण को माखन का भोग लगाएं।    
  • मिथुन राशि- इस राशि के जातकों को आज के दिन भगवान कृष्ण को दही का भोग अवश्य लगाएं।
  • कर्क राशि- जन्माष्टमी के दिन कान्हा को दूध केसर का भोग लगाएं।    
  • सिंह राशि- कृष्ण जन्माष्टमी के दिन बाल गोपाल को माखन मिश्री का भोग लगाएं।
  • कन्या राशि- कन्या राशि के जातकों को लड्डू गोपाल को माखन का भोग लगाना शुभ होगा।
  • तुला राशि- देसी घी का भोग लगाएं।
  • वृश्चिक राशि – माखन या दही का भोग अर्पित करना अच्छा रहेगा।
  • धनु राशि- धनु राशि के जातकों को जन्माष्मटी के दिन बाल गोपाल को पीली मिठाई का भोग लगा सकते हैं।
  • मकर राशि –कृष्ण जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल को मिश्री का भोग लगाएं।
  • कुम्भ राशि- भगवान श्री कृष्ण को सफेद मिठाई का भोग लगाएं।
  • मीन राशि- भगवान कृष्ण को बर्फी और केसर का भोग लगाएं।

10:11 AM, 07-Sep-2023

कृष्ण जन्माष्टमी की पूजन सामग्री

आज भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव कृष्ण जन्माष्टमी बहुत ही धूम-धाम के साथ मनाई जा रही है। भाद्रपद माह के अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण के लड्डू गोपाल के स्वरूप की पूजा की जाती है। जन्माष्टमी पर बाल गोपाल की पूजा की तैयारियां कई दिनों पहले से होने लगती है। आइए जानते हैं बाल गोपाल की पूजा में किन-किन चीजों का होना जरूरी होता है। 

बाल गोपाल की मूर्ति,  झूला, बांसुरी, एक नया आभूषण, मुकुट, तुलसी के पत्ते, हल्दी, पान, सुपारी, गंगाजल, सिंहासन, चंदन, अक्षत, मक्खन, केसर, छोटी इलायची, कलश, इत्र, सिक्के, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा, कुमकुम, नारियल, मौली, लॉन्ग, इत्र, दिया, धूप बत्ती, फल, कपूर और मोरपंख ।

09:59 AM, 07-Sep-2023

Janmashtami 2023 Puja Muhurat: कब है जन्माष्टमी रात्रि का पूजन मुहूर्त 


निशीथ पूजा मुहूर्त : 23:56 से 24:42 मिनट तक

अवधि : 45 मिनट

जन्माष्टमी पारणा मुहूर्त ( 08 सितंबर 2023) : सुबह 06 बजे के बाद

 

09:48 AM, 07-Sep-2023

Krishna Janmashtami 2023: जन्माष्टमी दो दिन क्यों ? जानें क्या कहते हैं शास्त्र और वैदिक पंचांग


Krishna Janmashtami Wishes
– फोटो : Amar Ujala

योगेश्वर श्रीकृष्ण का जन्मदिन ‘जन्माष्टमी’ का पर्व आज बड़े उत्साह के साथ मनाया जाएगा। अक्सर देखा गया है कि, यह पर्व दो दिनों-तिथियों में मनाया जाता रहा है। बहुत कम ऐसा अवसर आता है कि गृहस्थ और वैष्णव संन्यासियों का ये पावन पर्व एक साथ मने। स्मृति ग्रंथों के अनुसार योगेश्वर श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, मध्य रात्रि, वृषभ लग्न और बुधवार के दिन हुआ था इसमें कोई मतभेद अथवा विवाद कभी नहीं रहा। इनमें से अधिकांश योग इस वर्ष 06 सितंबर, बुधवार को विद्यमान था, इसलिए देश के कई भागों में यह पर्व इसी दिन मनाया गया।

देश के जिस भाग में सूर्योदय कालीन तिथि को वरीयता दी जाती है वहां और वैष्णव सम्प्रदाय तथा सन्यासियों द्वारा यह पर्व 07 सितंबर गुरुवार को सूर्योदयकालीन अष्टमी तिथि के दिन मनाया जायेगा, क्योंकि ये भक्त अष्टमी और नवमी तिथि के संधिकाल को ही वरीयता देते हैं। इस वर्ष रात्रि में नवमी (रिक्ता तिथि) व्याप्त होगी। शास्त्रों में रिक्ता तिथि में किया गया कार्य बहुत शुभ नहीं माना जाता किंतु उस दिन यदि शनिवार हो तो ये शुभ होता है और न हो, तो कार्यसिद्धि के लिए शनि की होरा का समय ग्रहण किया जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि श्रीकृष्ण के जन्म के समय मध्य रात्रि में वसुदेव जी जब इन्हें लेकर मथुरा से गोकुल के लिए प्रस्थान किए तो उनके गोकुल पहुंचने तक ‘ब्रह्ममुहूर्त’ लग चुका था इसलिए वृंदावन गोकुल आदि के भक्त उदयातिथि की अष्टमी को ही जन्माष्टमी मानते हैं।

09:36 AM, 07-Sep-2023

Janmashtami 2023: मथुरा, वृंदावन और इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी की धूम


आज मथुरा, वृंदावन, द्वारिका और इस्कॉन मंदिर समेत देश-विदेश के सभी मंदिरों में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। आज कान्हा के स्वागत में उनकी नगरी सजी है। वृंदावन के बांके बिहारी समेत सभी मंदिरों को रोशनी और फूलों से सजाया जा रहा है। सुबह से ही देश-विदेश से श्रद्धालु कान्हा की नगरी में एकत्र होने लगे हैं। बड़ी संख्या में कृष्ण भक्त अपने आराध्य के दर्शन के लिए वृंदावन, मथुरा और इस्कॉन के मंदिर में एकत्रित हो रहे हैं।

09:26 AM, 07-Sep-2023

Happy Krishna Janmashtami 2023: आज दोस्तों, रिश्तेदारों और अपनों को दें कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं


Happy Krishna Janmashtami 2023 Wishes
– फोटो : अमर उजाला

राधा की भक्ति

मधुर मुरली की मिठास

माखन का स्वाद और ब्रज की गोपियों का रास।

आइए मिलके बनाते हैं श्री कृष्ण जन्माष्टमी को खास 

कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं

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माखन चोर नंद किशोर

बांधी जिसने प्रीत की डोर

हरे कृष्ण हरे मुरारी

पूजती जिन्हे दुनिया सारी

आओ उनके गुण गाएं

सब मिल के जन्माष्टमी मनाएं

कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं

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माखन चुराकर जिसने खाया

बंसी बजाकर जिसने नचाया

खुशी मनाओ उसके जन्मदिन की

जिसने दुनिया को प्रेम का रास्ता दिखाया।

कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं

09:13 AM, 07-Sep-2023

वैष्णव सम्प्रदाय औ संन्यासी आज मना रहे है जन्माष्टमी

देश के जिस भाग में सूर्योदय कालीन तिथि को वरीयता दी जाती है वहां और वैष्णव सम्प्रदाय तथा सन्यासियों द्वारा यह पर्व 07 सितंबर, गुरुवार को सूर्योदयकालीन अष्टमी तिथि के दिन मनाया जा रहा है। क्योंकि ये भक्त अष्टमी और नवमी तिथि के संधिकाल को ही वरीयता देते हैं।|

03:57 PM, 06-Sep-2023

Aarti Kunj Bihari Ki : जन्माष्टमी पर पूजा में जरूर करें आरती कुंज बिहारी की….


Krishna aarti
– फोटो : अमर उजाला

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन माखन-मिश्री और पंचामृत का भोग लगाने और कुंज बिहारी की आरती करने से भगवान कृष्ण जल्द प्रसन्न होते हैं।

श्रीकृष्ण की आरती

आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला 

श्रवण में कुण्डल झलकाला,नंद के आनंद नंदलाला

गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली

लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक

चंद्र सी झलक, ललित छवि श्यामा प्यारी की,

श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की, आरती कुंजबिहारी की…॥

कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं।

गगन सों सुमन रासि बरसै, बजे मुरचंग,  मधुर मिरदंग ग्वालिन संग।

अतुल रति गोप कुमारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

जहां ते प्रकट भई गंगा, सकल मन हारिणि श्री गंगा।

स्मरन ते होत मोह भंगा, बसी शिव सीस।

जटा के बीच,हरै अघ कीच, चरन छवि श्रीबनवारी की

श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥ ॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू 

चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू 

हंसत मृदु मंद, चांदनी चंद, कटत भव फंद।

टेर सुन दीन दुखारी की

श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

आरती कुंजबिहारी की

श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की

श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

02:50 PM, 06-Sep-2023

जन्माष्टमी पूजा विधि

  • जन्माष्टमी के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें ।
  • माता देवकी और भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति या चित्र पालने में स्थापित करें। 
  • पूजन में देवकी,वासुदेव,बलदेव,नन्द, यशोदा आदि देवताओं के नाम जपें।
  • रात्रि में 12  बजे के बाद श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाएं।
  • जन्माष्टमी पर कान्हा को पीले चंदन या फिर केसर का तिलक जरूर लगाएं, साथ ही साथ उन्हें मोर के मुकुट और बांसुरी जरूर अर्पित करें। 
  • लड्डूगोपाल को पंचामृत से अभिषेक कराकर भगवान को नए वस्त्र अर्पित करें एवं झूला झुलाएं। 
  • तुलसी डालकर माखन-मिश्री व धनिये की पंजीरी का भोग लगाएं।
  • अंत में आरती करके प्रसाद को वितरित करें।

02:12 PM, 06-Sep-2023

Janmashtami 2023: मोरपंख, गाय और सुदर्शन चक्र


श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं
– फोटो : amar ujala

मोरपंख

श्री कृष्ण के मुकुट पर मोरपंख सबसे पहले उनकी माता यशोदा ने लगाया था । प्रेम में ब्रह्मचर्य की महान भावना को समाहित करने के प्रतीक रूप में कृष्ण मोरपंख को अपने सिर पर धारण करते हैं।यह उनके प्रेम और सौंदर्यबोध का प्रतीक है।

अजितंजय

श्रीकृष्ण ने गुरु पुत्र को शंखासुर दैत्य से मुक्त कराया था। श्री कृष्ण को यह धनुष उनके गुरु सांदीपनि ने सौपा था।अजितंजय धनुष गुरु सम्मान का प्रतीक है।

गाय

संसार में पृथ्वी और गौ से बड़ा कोई उदार और क्षमादान नहीं। गाय,भगवान श्री कृष्ण को अतिप्रिय है,इसका कारण यह है गाय सब कार्यों में उदार तथा समस्त गुणों की खान है।यह क्षमा और उदारता का प्रतीक है।

सुदर्शन चक्र

शिक्षा ग्रहण करने के बाद भगवान कृष्ण की मुलाकात जब विष्णुजी के अन्य अवतार परशुराम से हुई तब परशुरामजी ने उन्हें सुदर्शन चक्र भेंट किया था। यह दूरदर्शिता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।

 

01:47 PM, 06-Sep-2023

Janmashtami 2023: बांसुरी, वैजयंती माला और विराट रूप


जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
– फोटो : amar ujala

सर्वप्रथम नंदबाबा ने अपने कान्हा के लिए बांसुरी लेकर दी थी। श्री कृष्ण हर पल प्रेम और शांति का संदेश देने वाली बांस की बांसुरी को अपने साथ रखते हैं। बांसुरी सम्मोहन,ख़ुशी ,आकर्षण व  मन की शांति  का प्रतीक मानी गई है।


  • विराट रूप

 विश्वरूप अथवा विराट रूप भगवान कृष्ण का सार्वभौमिक स्वरूप है। महाभारत युद्ध होने से पूर्व कुरुक्षेत्र में श्री कृष्ण ने अर्जुन को अपने विराट रूप के दर्शन करवाए थे। यह रूप ऊर्जा का प्रतीक है          


  • वैजयंती माला

श्री कृष्ण को वैजयंती के फूल और इसकी माला बेहद प्रिय है भगवान श्री कृष्ण ने जब पहली बार राधाजी व अन्य गोपियों के साथ रासलीला खेली थी,तब वैजयंती की माला राधाजी ने उन्हें पहनाई थी।यह प्रेम का प्रतीक मानी जाती है।

01:26 PM, 06-Sep-2023

जानिए सुदर्शन चक्र से लेकर मोरपंख तक भगवान कृष्ण के प्रतीकों के मायने…


Happy Krishna Janmashtami 2023 Wishes
– फोटो : अमर उजाला

6 और 7 सितंबर दो दिनों तक इस बार पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। श्री कृष्ण जन-जन के लिए ऐसे आदर्श हैं, जो सभी को सुखी जीवन जीने के सूत्र सिखाते हैं। जन्माष्टमी के अवसर पर आइए जानते हैं भगवान कृष्ण के 10 प्रतीक के बारे में….

चंदन भगवान कृष्ण को अत्यंत प्रिय है। इसके बिना इनकी पूजा पूर्ण नहीं होती। यह गोपी चंदन,हरि चंदन,सफ़ेद चंदन सहित कई प्रकार का होता है। चंदन ताजगी का प्रतीक है।


  • गोवर्धन पर्वत

श्री कृष्ण के बृज में स्थित गोवर्धन पर्वत उठाए स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है। गोवर्धन पर्वत को भक्तजन गिरिराज जी भी कहते हैं। ये भगवान से सरंक्षण पाने का प्रतीक है।

भगवान का यह स्वरूप मन को सकारात्मक ऊर्जा से भरने वाला एवं आनंद देने वाला है। इस रूप के दर्शन मात्र से समस्त चिंताएं दूर होती हैं इसलिए ये आनंद का प्रतीक है।

01:04 PM, 06-Sep-2023

जन्माष्टमी पर जरूर करें भगवान श्रीकृष्ण के मंत्र का जप और पाठ


  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः


  • ॐ श्री कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजन वल्लभाय नमः


  • ॐ श्री कृष्णाय नमः

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