1984 के सिख विरोधी दंगे भारतीय इतिहास के एक काले अध्याय के रूप में दर्ज हैं, जिन्होंने न केवल सिख समुदाय को गहरा आघात पहुंचाया, बल्कि देश की साम्प्रदायिक सद्भावना को भी चुनौती दी।
1984 के सिख विरोधी दंगे भारतीय इतिहास के एक काले अध्याय के रूप में दर्ज हैं, जिन्होंने न केवल सिख समुदाय को गहरा आघात पहुंचाया, बल्कि देश की साम्प्रदायिक सद्भावना को भी चुनौती दी।