केजरीवाल की रिहाई से BJP को फायदा महज़ एक संयोग है या फिर एक प्रयोग?

दशकों से नारी सुरक्षा हमारे देश के लिए चिंता का विषय रहा है, पहले भी कई राजनैतिक दलों ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है। आम आदमी पार्टी (AAP) का तो अस्तित्व ही नारी सुरक्षा के मुद्दे पर वज़ूद में आया था और अचानक AAP पार्टी की वरिष्ठ महिला नेता, दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्षा और नवनिर्वाचित राज्य सभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार हो जाता है और वो भी दिल्ली के CM अरविन्द केजरीवाल के बंगले के अंदर।

आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर  लोक सभा चुनाव प्रचार के लिए कारागार से 01 जून 2024 तक के लिए मुक्त किये गए हैं। अरविन्द केजरीवाल के जेल से बाहर आते ही उनका भाजपा के ऊपर तीव्र राजनैतिक प्रहार, फिर चुनावी धुरंधर विश्लेषकों द्वारा आप पार्टी को निर्णायक बढ़त दे देना क्या महज़ एक संयोग हो सकता है? 

आम दिनों की तरह मैं भी X (twitter) पर “क्या है नया और ट्रेंडिंग” देख रहा था, अचानक स्वाति मालीवाल को ट्रेंडिंग होता हुआ देखा। खबर देखने पर उसकी सच्चाई पर आशंका हुई, मगर थोड़ी ही देर में मीडिया सूत्रों द्वारा खबर के सही होने की पुष्टि हो गई। लेकिन सवाल घूम फिर कर वही था की “निर्भया काण्ड” के खिलाफ उमड़े जनसैलाब की भावनाओं से जन्मे राजनैतिक पार्टी में भी – अब महिला सुरक्षित नहीं है! मगर जाने दीजिये आप पार्टी और उनके सहयोगी दलों की नज़र में इससे ज्यादा ज़रूरी चीज़ें और भी हैं।

BJP सांसदों के टिकट कटने को लेकर AAP एंटी इनकम्बेंसी का मुद्दा उठा रही है। हालांकि, इसका असर जमीन पर नहीं दिख रहा । इससे ये मैसेज जरूर जा रहा है कि BJP जीते हुए कैंडिडेट को भी जनता की खातिर बदल सकती है।

देश में अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों के दौरान दिल्ली के मतदाताओं ने बंटने की बजाय एक ही पार्टी की ओर झुकाव दिखाया है। इस कारण नौ चुनावों में कोई एक पार्टी सभी सीट जीतने में कामयाब रही। इन चुनावों में मुख्य विपक्षी पार्टी पूरी तरह खाली रही, जबकि पांच बार नंबर दो पर रही पार्टी महज एक-एक सीट ही जीत सकी। इसके अलावा तीन मौकों पर 5-2 का स्कोर रहा। इस दौरान मतदाताओं ने कभी कांग्रेस में विश्वास जताया, तो कभी भारतीय जनसंघ, भारतीय लोकदल एवं भाजपा के माथे जीत का सेहरा बांधा।

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दिल्ली में पिछली बार मुकाबला त्रिकोणीय था और हार-जीत का फर्क दोगुने से ज्यादा था। इस बार विपक्ष एकजुट है। इससे हार-जीत के अंतर में फर्क जरूर आएगा, लेकिन नतीजा बदलता नहीं दिख रहा।

करप्शन केस में फंसे CM अरविंद केजरीवाल समेत AAP के बड़े नेताओं की गिरफ्तारी का फायदा AAP से ज्यादा BJP को मिलता दिख रहा है। राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई बदसलूकी के बाद, AAP के खिलाफ माहौल बन रहा है, जिसका पार्टी को नुकसान होगा।

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(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए KhabarIndian उत्तरदायी नहीं है।)

ब्लॉगर के बारे में
सुमित शाही
पूर्व पत्रकार