9/11 इतिहास का सबसे बड़ा आतंकी हमला

साभार: टाइम्स नाउ

11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था। इन हमलों में चार हवाई जहाजों का इस्तेमाल किया गया, जिनमें से दो वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की इमारतों से टकराए, एक पेंटागन पर और चौथा विमान पेंसिल्वेनिया में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इस हमले के पीछे आतंकी संगठन अल कायदा का हाथ था, जिसे ओसामा बिन लादेन ने अंजाम दिया था। इस घटना को दुनिया भर में 9/11 के नाम से जाना जाता है।

साभार: टाइम्स नाउ

1980 के दशक के अंत में अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ लड़ाई में अमेरिकी सहयोग और समर्थन के दौरान, ओसामा बिन लादेन और उसके सहयोगियों ने अल कायदा संगठन की नींव रखी। यह संगठन अमेरिका और पश्चिमी दुनिया को अपने दुश्मन के रूप में देखता था। 1990 के दशक के अंत में, अल कायदा ने अमेरिका के खिलाफ कई हमलों की योजना बनाई, जिनमें 1998 में केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर बम धमाके शामिल थे।

9/11 के हमलों के लिए, आतंकियों ने चार यात्री विमानों को हाईजैक किया। इन विमानों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर तबाही के लिए किया गया। विमानों में सवार यात्रियों और चालक दल को आतंकियों ने जबरन नियंत्रण में ले लिया था। इस हमले की योजना बेहद जटिल और महीनों की तैयारी के बाद बनाई गई थी।

सुबह 08:46 बजे, पहला हाईजैक विमान “अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 11”  न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टावर से टकराया। इसके बाद, 09:03 बजे “यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 175” दक्षिणी टावर से टकराया। दोनों टावर लगभग एक घंटे बाद ढह गए।

सुबह 09:37 बजे, तीसरे विमान “अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 77” ने वाशिंगटन डी.सी. के पास पेंटागन की इमारत को टक्कर मारी, जिससे पेंटागन की इमारत का एक हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था।

चौथा विमान, “यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 93”, पेंसिल्वेनिया में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। यात्रियों ने बहादुरी दिखाते हुए आतंकियों को कॉकपिट में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप विमान लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाया।

इन हमलों के बाद, अमेरिका ने हवाई अड्डों और राष्ट्रीय सुरक्षा में बड़े बदलाव किए। “पेट्रियट एक्ट” लागू किया गया, जिससे सरकारी एजेंसियों को आतंकवाद से निपटने के लिए अधिक शक्तियां मिलीं।

 9/11 हमलों के जवाब में, अमेरिका ने अक्टूबर 2001 में अफगानिस्तान पर हमला किया, जहां तालिबान सरकार ने अल कायदा को शरण दी थी। इस युद्ध का उद्देश्य ओसामा बिन लादेन और अल कायदा को खत्म करना था।

यह हमला केवल अमेरिका तक सीमित नहीं रहा। इसका दुनिया भर में प्रभाव पड़ा। कई देशों ने अपने सुरक्षा उपायों को कड़ा कर दिया और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का समर्थन किया।

9/11 के हमले इतिहास के सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक थे, जिसने न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर दिया। इस घटना ने वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत की, जिसका प्रभाव आज भी महसूस किया जा सकता है। इन हमलों ने अमेरिका की सुरक्षा नीतियों, अंतरराष्ट्रीय संबंधों और वैश्विक राजनीति पर गहरा असर डाला।