ऑपरेशन सिंदूर और मसूद अजहर के परिवार का खात्मा

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई, जिनमें एक नेपाली और एक UAE का पर्यटक भी शामिल था। इस त्रासदी के बाद, भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक सैन्य अभियान शुरू किया, जिसका उद्देश्य आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाना था। इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के 10 पारिवारिक सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए।

ऑपरेशन सिंदूर

‘ऑपरेशन सिंदूर’ 6 मई 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किया गया। इस अभियान में पाकिस्तान और पाकिस्तान-प्रशासित कश्मीर में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। भारतीय वायुसेना ने राफेल जेट्स का उपयोग करते हुए SCALP और AASM HAMMER मिसाइलों से इन ठिकानों पर हमला किया।

Courtesy : The Economic Times

मसूद अजहर के परिवार का खात्मा 

इस ऑपरेशन में मसूद अजहर की बहन, बहनोई, भतीजा और उसकी पत्नी सहित कुल 10 पारिवारिक सदस्य मारे गए। इसके अलावा, जैश-ए-मोहम्मद के चार करीबी सहयोगी भी इस हमले में मारे गए। ये सभी लोग बहावलपुर जिले के कराची मोड़ के पास स्थित ‘मर्कज सुब्हान अल्लाह’ में मौजूद थे।

Courtesy : Hindustan Times

भारत की प्रतिक्रिया

भारत सरकार ने इस ऑपरेशन को ‘न्याय की सेवा’ करार दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। भारतीय सेना ने ट्वीट करते हुए कहा, “न्याय प्रदान किया गया। जय हिंद!” 

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन को युद्ध के लिए उकसाने वाली कार्यवाही बताया और पांच भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा किया। इसके अलावा, पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया और सीमावर्ती क्षेत्रों में स्कूलों को बंद कर दिया। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पहले भारतीय सैनिकों को बंदी बनाने का दावा किया, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद, अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस और संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया और क्षेत्रीय शांति बनाए रखने पर जोर दिया।

निष्कर्ष

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का प्रतीक है। इस ऑपरेशन ने न केवल आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि आतंकवाद के संरक्षकों को भी स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अपनी सुरक्षा और नागरिकों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

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