नोएडा इंटरनेशनल फिल्म सिटी होगी भारत की सिनेमा राजधानी

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित नोएडा इंटरनेशनल फिल्म सिटी परियोजना, भारतीय फिल्म उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है। यह परियोजना न केवल फिल्म निर्माण के लिए एक आधुनिक केंद्र बनेगी, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और सांस्कृतिक समृद्धि में भी योगदान देगी।

परियोजना का स्थान और महत्व

नोएडा इंटरनेशनल फिल्म सिटी, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के सेक्टर 21 में स्थित होगी, जो आगामी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर है। इस स्थान का चयन रणनीतिक रूप से किया गया है, जिससे फिल्म सिटी को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और देश के अन्य हिस्सों से उत्कृष्ट कनेक्टिविटी मिल सके।

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विकास की योजना और संरचना

परियोजना को चार चरणों में विकसित किया जाएगा, जिसमें कुल 1,000 एकड़ भूमि शामिल होगी। पहले चरण में 230 एकड़ भूमि पर विकास कार्य होगा, जिसमें से 155 एकड़ फिल्म निर्माण सुविधाओं के लिए और 75 एकड़ वाणिज्यिक उपयोग के लिए आरक्षित है। इस चरण में फिल्म स्टूडियो, पोस्ट-प्रोडक्शन यूनिट्स, साउंड स्टेज, फिल्म अकादमी, और अन्य सहायक सुविधाएं शामिल होंगी।

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विकासकर्ता और निवेश

फिल्म निर्माता बोनी कपूर और रियल एस्टेट डेवलपर भूटानी इन्फ्रा की संयुक्त उद्यम कंपनी Bayview Projects LLP को इस परियोजना के विकास का कार्य सौंपा गया है। परियोजना की अनुमानित लागत ₹1,510 करोड़ है, और इसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा।

 इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी

फिल्म सिटी की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर चार रैम्प्स का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से दो का कार्य पहले चरण में शुरू हो चुका है। इसके अलावा, प्रस्तावित गाजियाबाद-जेवर क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) और लाइट रेल कॉरिडोर से फिल्म सिटी को जोड़ा जाएगा, जिससे कलाकारों, कर्मचारियों और पर्यटकों की आवाजाही सुगम होगी।

हरित और सतत विकास

परियोजना को पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी सतत और हरित बनाया जाएगा। इसमें हरित क्षेत्र, थीम-आधारित पार्क, पैदल पथ, और पर्याप्त पार्किंग सुविधाएं शामिल होंगी। इसके अलावा, फिल्म सिटी में सौर ऊर्जा और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग किया जाएगा, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव को न्यूनतम किया जा सके।

 सांस्कृतिक और शैक्षिक योगदान

फिल्म सिटी में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की फिल्म अकादमी की स्थापना की जाएगी, जो फिल्म निर्माण, अभिनय, संगीत, और सिनेमैटोग्राफी में पाठ्यक्रम प्रदान करेगी। यह अकादमी न केवल स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देगी, बल्कि देशभर से प्रतिभाशाली छात्रों को आकर्षित करेगी, जिससे क्षेत्र में सांस्कृतिक और शैक्षिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

आगामी योजनाएं और निष्कर्ष

परियोजना के पहले चरण का निर्माण कार्य मार्च 2025 में शुरू होने की योजना है, और इसे आठ वर्षों में पूरा किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह परियोजना उत्तर भारत को एक नई सिनेमा राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

नोएडा इंटरनेशनल फिल्म सिटी न केवल फिल्म उद्योग को एक नया केंद्र प्रदान करेगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास, रोजगार सृजन, और सांस्कृतिक समृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह परियोजना उत्तर प्रदेश को एक वैश्विक फिल्म निर्माण हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

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