SLBC परियोजना की सुरक्षा पर सवाल आखिर कौन है जिम्मेदार?

तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग परियोजना में हाल ही में एक गंभीर दुर्घटना घटी, जिसमें सुरंग का एक हिस्सा ढह गया और कई मजदूर मलबे में फंस गए। यह घटना परियोजना की सुरक्षा और प्रबंधन पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े करती है। इस ब्लॉग में, हम इस दुर्घटना के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं, घटनाओं और तथ्यों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

SLBC परियोजना का परिचय

श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) परियोजना तेलंगाना राज्य की एक महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में कृषि और जल आपूर्ति को बढ़ावा देना है। यह परियोजना 2800 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जा रही है और हाल ही में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था।

दुर्घटना का विवरण

22 फरवरी 2025 को, नागरकुरनूल जिले में SLBC सुरंग परियोजना के निर्माणाधीन हिस्से की छत अचानक ढह गई, जिससे सुरंग के अंदर काम कर रहे मजदूर मलबे में फंस गए। इस दुर्घटना में 6 से 8 मजदूरों के फंसे होने की आशंका जताई गई है।

साभार : Amar Ujala

बचाव अभियान

दुर्घटना के तुरंत बाद, स्थानीय प्रशासन, पुलिस और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें मौके पर पहुंचीं और बचाव कार्य शुरू किया। भारतीय सेना ने भी एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया ताकि फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।

परियोजना की सुरक्षा पर सवाल

इस दुर्घटना ने SLBC परियोजना की सुरक्षा मानकों और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। परियोजना की लागत 2800 करोड़ रुपये है और निर्माण कार्य शुरू हुए केवल चार दिन ही हुए थे, जिससे सुरक्षा उपायों की कमी स्पष्ट होती है।

सरकार की प्रतिक्रिया

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इस दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और अधिकारियों को तेजी से राहत और बचाव कार्य करने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी दुर्घटना के कारणों की जानकारी ली है और अधिकारियों से फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने का आग्रह किया है।

प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दुर्घटना पर चिंता व्यक्त की है और बचाव कार्यों में हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सरकार फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।

परियोजना का महत्व

SLBC परियोजना का उद्देश्य तेलंगाना के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा प्रदान करना है, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि हो और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो। इस परियोजना से क्षेत्र में जल आपूर्ति की समस्या का समाधान होने की उम्मीद है।

सुरक्षा मानकों की अनदेखी

दुर्घटना के बाद, यह स्पष्ट होता है कि परियोजना में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई थी। निर्माण कार्य शुरू होने के केवल चार दिनों में ही ऐसी गंभीर दुर्घटना होना प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाता है। सुरक्षा उपायों की कमी के कारण मजदूरों की जान जोखिम में पड़ी।

मजदूरों की स्थिति

मलबे में फंसे मजदूरों की स्थिति के बारे में अभी तक स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। बचाव दल लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सुरंग के अंदर की स्थिति और मलबे की मात्रा के कारण बचाव कार्य में कठिनाई हो रही है।

स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया

दुर्घटना के बाद, स्थानीय समुदाय में आक्रोश और चिंता का माहौल है। लोग परियोजना प्रबंधन की लापरवाही और सुरक्षा उपायों की कमी पर सवाल उठा रहे हैं। स्थानीय नेताओं ने भी इस मुद्दे को उठाया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

दुर्घटना के बाद, विभिन्न राजनीतिक दलों ने सरकार की आलोचना की है और परियोजना में सुरक्षा मानकों की अनदेखी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की योजना बनाई है।

भविष्य की चुनौतियां

इस दुर्घटना के बाद, SLBC परियोजना के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं। सुरक्षा मानकों को सुधारने और मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। इसके अलावा, परियोजना की समयसीमा और लागत में भी बदलाव हो सकता है।

निष्कर्ष

तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में SLBC सुरंग परियोजना में हुई दुर्घटना ने सुरक्षा मानकों की अनदेखी और प्रबंधन की लापरवाही को उजागर किया है। इस दुर्घटना से सीख लेते हुए, भविष्य में ऐसी परियोजनाओं में सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देना आवश्यक है ताकि मजदूरों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और परियोजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन हो सके।

यह ब्लॉग तेलंगाना टनल दुर्घटना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण तथ्यों और घटनाओं को प्रस्तुत करता है, जो इस विषय पर गहन समझ प्रदान करता है।

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