शुक्रवार, 28 फरवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स में लगभग 1000 अंकों (1.31%) की गिरावट आई, जिससे यह 73,600 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी भी 300 अंक (1.33%) गिरकर 22,250 के स्तर पर पहुंच गया। इस गिरावट के कारण निवेशकों की संपत्ति में लगभग 7.5 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है।

साभार : Hindustan
सेंसेक्स के 30 में से 28 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि निफ्टी के 50 में से 46 शेयरों में नुकसान हुआ। सभी सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट देखी गई, जिसमें निफ्टी आईटी में 3.27%, ऑटो में 2.65%, मीडिया में 2.50%, सरकारी बैंकों में 2.05% और मेटल में 1.82% की कमी शामिल है। इसके अलावा, फार्मा, बैंकिंग, एफएमसीजी और फाइनेंशियल सर्विसेज में भी 1% तक की गिरावट दर्ज की गई।
इस गिरावट के प्रमुख कारणों में तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों की घोषणा से पहले निवेशकों की सतर्कता, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा कनाडा और मेक्सिको पर 25% टैरिफ लागू करने की पुष्टि, और विदेशी निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर शेयरों की बिक्री शामिल हैं। 27 फरवरी को विदेशी निवेशकों ने 556.56 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
वैश्विक बाजारों में भी गिरावट का रुख देखा गया। जापान के निक्केई में 2.81%, हॉन्गकॉन्ग के हैंगसेंग में 2.27%, कोरिया के कोस्पी में 3.08% और चीन के शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स में 0.88% की गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी बाजारों में भी डाओ जोंस 0.45% की गिरावट के साथ 43,239 के स्तर पर बंद हुआ।
इस बीच, केंद्र सरकार ने वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) का नया प्रमुख नियुक्त किया है। वह मौजूदा प्रमुख माधबी पुरी बुच की जगह लेंगे, जो 28 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रही हैं। तुहिन कांत पांडे ओडिशा कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में केंद्र सरकार में चार महत्वपूर्ण विभागों का प्रभार संभाल रहे हैं।

साभार : Live Times
गुरुवार, 27 फरवरी को बाजार में स्थिरता देखी गई थी, जहां सेंसेक्स 10 अंक की बढ़त के साथ 74,612 पर और निफ्टी 2 अंक की गिरावट के साथ 22,545 पर बंद हुआ था। हालांकि, शुक्रवार को बाजार में भारी गिरावट ने निवेशकों की चिंताओं को बढ़ा दिया है।
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बरतें और अपने निवेश निर्णयों में सावधानी रखें। वैश्विक और घरेलू आर्थिक संकेतकों पर नजर रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं।
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