भारत में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है। एक ओर मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में भीषण गर्मी और हीट वेव का प्रकोप होने वाला है, वहीं दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और ठंड का दौर जारी है। इस ब्लॉग में हम इन दोनों विपरीत मौसमीय परिस्थितियों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
मुंबई और महाराष्ट्र में हीट वेव का प्रकोप
मुंबई में फरवरी के महीने में ही तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि देखी जा रही है। 25 फरवरी 2025 को मुंबई का अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से काफी अधिक है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भी तापमान में वृद्धि की संभावना जताई है।
साभार : Navbharat Times – Indiatimes
हीट वेव के कारण
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मुंबई में एंटीसाइक्लोनिक स्थितियों के कारण अरब सागर से आने वाली ठंडी हवाएं बाधित हो रही हैं, जिससे तापमान में वृद्धि हो रही है। इसके अलावा, ग्लोबल वार्मिंग और शहरीकरण भी तापमान बढ़ने के प्रमुख कारणों में शामिल हैं।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
हीट वेव के कारण मुंबई में डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञों ने लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी पीने, हल्के और ढीले कपड़े पहनने, और दोपहर के समय सीधी धूप से बचने की सलाह दी है।
सरकारी उपाय
महाराष्ट्र सरकार ने हीट वेव से निपटने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं, जिनमें स्कूलों के समय में बदलाव, सार्वजनिक स्थानों पर ठंडे पानी की व्यवस्था, और स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष वार्ड स्थापित करना शामिल है।
हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर, लाहौल-स्पीति, कुल्लू और चंबा जिलों के ऊपरी हिस्सों में हाल ही में हल्की बर्फबारी दर्ज की गई है। इससे तापमान में गिरावट आई है और ठंड बढ़ गई है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में और बर्फबारी की संभावना जताई है।
जम्मू-कश्मीर में मौसम की स्थिति
श्रीनगर और आसपास के क्षेत्रों में भी बर्फबारी और बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश और बर्फबारी की चेतावनी जारी की है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

साभार : Jagran
पर्यटन पर प्रभाव
बर्फबारी के कारण हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में पर्यटन गतिविधियों पर प्रभाव पड़ा है। सड़कें बंद होने और ठंड बढ़ने से पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। हालांकि, बर्फबारी का आनंद लेने के लिए कुछ साहसी पर्यटक अभी भी इन क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं।
निष्कर्ष
भारत में मौसम का यह बदलता मिजाज हमें जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभावों की याद दिलाता है। एक ओर भीषण गर्मी और हीट वेव, तो दूसरी ओर बर्फबारी और ठंड – ये दोनों ही स्थितियां हमारे पर्यावरण और जीवनशैली पर गहरा प्रभाव डालती हैं। हमें सतर्क रहकर और आवश्यक सावधानियां अपनाकर इन मौसमीय चुनौतियों का सामना करना होगा।
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