भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर चर्चाएँ तेज़ हो गई हैं। वर्तमान अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का कार्यकाल समाप्ति की ओर है, और पार्टी के भीतर नए नेतृत्व को लेकर गहन मंथन चल रहा है। इस संदर्भ में, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के नाम प्रमुख दावेदारों के रूप में सामने आ रहे हैं। इन नेताओं की राजनीतिक यात्रा, संगठनात्मक कौशल, और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबंधों के आधार पर उनकी संभावनाओं का विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है।

साभार : Navbharat Times
शिवराज सिंह चौहान: मास लीडर और आरएसएस की पहली पसंद
शिवराज सिंह चौहान की राजनीतिक यात्रा 13 वर्ष की आयु में आरएसएस से जुड़ने के साथ शुरू हुई। आपातकाल के दौरान वे जेल भी गए, जो उनके दृढ़ संकल्प और साहस का प्रतीक है। छह बार लोकसभा सांसद और चार बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके चौहान ने “लाड़ली बहना योजना” जैसी लोकप्रिय योजनाओं के माध्यम से जनता के बीच मजबूत पकड़ बनाई है। उनकी ओबीसी पृष्ठभूमि और संगठनात्मक अनुभव उन्हें अध्यक्ष पद के लिए मजबूत दावेदार बनाते हैं। आरएसएस के वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह के अनुसार, यदि संघ की चली, तो शिवराज सिंह चौहान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं। उनके नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की सहमति भी संभव है।
मनोहर लाल खट्टर: प्रधानमंत्री के करीबी और संगठन के निष्ठावान
मनोहर लाल खट्टर की पहचान एक निष्ठावान और ईमानदार नेता के रूप में है। 1977 में आरएसएस से जुड़ने के बाद, वे 1994 में भाजपा में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी पुरानी मित्रता और संगठन में उनकी मेहनती छवि उन्हें अध्यक्ष पद के लिए उपयुक्त बनाती है। हालांकि, हरियाणा में मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद उनकी लोकप्रियता में कमी आई है, लेकिन केंद्रीय मंत्री के रूप में उनका कार्य उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय बनाए हुए है। आरएसएस उनके नाम पर सहमत है, लेकिन गृह मंत्री अमित शाह की सहमति अभी स्पष्ट नहीं है।
धर्मेंद्र प्रधान: साइलेंट वॉरियर और संगठन के प्रिय
धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा से आते हैं और वर्तमान में केंद्रीय शिक्षा मंत्री हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाले प्रधान को संगठन और सरकार दोनों में सम्मान प्राप्त है। उनकी साइलेंट वॉरियर की छवि और किसी विरोधी का न होना उन्हें अध्यक्ष पद के लिए मजबूत दावेदार बनाता है। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह के साथ उनके अच्छे संबंध और आरएसएस की स्वीकृति उनके पक्ष में जाती है।
दक्षिण भारत से अध्यक्ष की मांग और अन्य दावेदार
भाजपा के भीतर दक्षिण भारत से अध्यक्ष बनाने की मांग भी उठ रही है, ताकि वहां पार्टी की पकड़ मजबूत हो सके। इस संदर्भ में, राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी.एल. संतोष, कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी, और डी. पुरंदेश्वरी जैसे नाम भी चर्चा में हैं। हालांकि, शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, और धर्मेंद्र प्रधान की तुलना में इनकी संभावनाएँ कम आंकी जा रही हैं।
निष्कर्ष
भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन पार्टी की आगामी रणनीति और चुनावी तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण है। शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, और धर्मेंद्र प्रधान के नाम प्रमुख दावेदारों के रूप में सामने आ रहे हैं, लेकिन अंतिम निर्णय संगठन की आंतरिक चर्चाओं और आगामी चुनावी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किसे अपने नए नेतृत्व के रूप में चुनती है और यह चयन आगामी राजनीतिक परिदृश्य को कैसे प्रभावित करेगा।
Leave a Reply