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अतीक मर गया, मगर उसका खौफ अभी जिंदा है

अतीक अहमद का नाम सुनते ही दहशत का एहसास होता है। प्रयागराज की गलियों से लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति तक, उसका खौफ हर जगह फैला था। आज भले ही अतीक अहमद इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी बनाई हुई अपराध की दुनिया और उसके पीछे छोड़ी गई दास्तानें अब भी लोगों के दिलों में डर बनाए हुए हैं। सवाल यह है कि क्या उसकी मौत के बाद भी उसका प्रभाव समाप्त हो गया, या फिर उसका खौफ अब भी समाज पर हावी है?

अतीक अहमद – अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह

अतीक अहमद का जन्म प्रयागराज में हुआ था, और किशोरावस्था में ही वह अपराध की दुनिया में कदम रख चुका था। एक मामूली अपराधी से लेकर संगठित माफिया तक का उसका सफर सत्ता और अपराध के गठजोड़ की सबसे बड़ी मिसाल बन गया।

उमेश पाल हत्याकांड – खौफ का अंत या एक नई शुरुआत?

24 फरवरी 2023 को उमेश पाल की हत्या के बाद अतीक अहमद के आपराधिक साम्राज्य की बुनियाद हिलने लगी। उमेश पाल, जो कि राजू पाल हत्याकांड का मुख्य गवाह था, उसकी दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने पूरे उत्तर प्रदेश में सनसनी फैला दी और सरकार ने अतीक और उसके गुर्गों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान कर दिया।

जमानत – एक नया खेल

अतीक अहमद ने कानून का इस्तेमाल भी अपने तरीके से किया। जब उसने चुनाव लड़ने के लिए जमानत मांगी, तो हाई कोर्ट के 10 जजों ने उसके केस से खुद को अलग कर लिया। उन्हें डर था कि अगर उन्होंने जमानत देने से इनकार किया, तो अतीक उनके परिवार या खुद उनकी जान के लिए खतरा बन सकता है। आखिरकार, 11वें जज ने उसकी जमानत याचिका को सुना और उसे चुनाव के लिए जमानत दे दी। यह दिखाता है कि किस तरह अपराधियों का खौफ न्यायपालिका तक पर हावी था और कैसे कानून का दुरुपयोग कर वह अपने फायदे के लिए फैसले करवाता था।

अतीक का खात्मा, लेकिन उसका खौफ बरकरार

2023 में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई। यह घटना लाइव कैमरों के सामने हुई, जिसने देशभर में हड़कंप मचा दिया। लेकिन सवाल ये है कि क्या उसके मरने के बाद अपराध की दुनिया से उसका नाम मिट गया?

साभार : Navbharat Times – Indiatimes

शाइस्ता परवीन – अपराध की नई कमान?

अतीक की मौत के बाद उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन के खिलाफ पुलिस का शिकंजा कसता चला गया। लंबे समय तक फरार रहने के बाद भी वह अब तक कानून की पकड़ से बाहर है। पुलिस लगातार उसकी तलाश में है, लेकिन क्या वह अतीक के अपराध के साम्राज्य को आगे बढ़ाने के लिए कोई रणनीति बना रही है?

प्रयागराज के लोग अब भी डरे हुए?

अतीक के जाने के बावजूद प्रयागराज और आसपास के इलाकों में उसके गुर्गों का प्रभाव बना हुआ है। कुछ का कहना है कि अब वे बेखौफ होकर जी सकते हैं, लेकिन कई लोग अब भी उसकी गैंग से जुड़े अपराधियों की साजिशों से डरे हुए हैं।


सरकार और कानून का असर

योगी सरकार ने अतीक अहमद के अवैध साम्राज्य को खत्म करने के लिए बुलडोजर तक चला दिया। उसकी कई संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया, लेकिन क्या इससे अपराध समाप्त हो गया?

निष्कर्ष

अतीक अहमद मर चुका है, लेकिन उसका खौफ अभी भी समाज में कायम है। क्या यह खौफ हमेशा बना रहेगा, या फिर आने वाले समय में यह पूरी तरह समाप्त हो जाएगा? यह सवाल हर उस व्यक्ति के मन में उठता है जिसने कभी न कभी अतीक के अपराधों के बारे में सुना या झेला है।

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